द फॉलोअप डेस्क
किसान आंदोलन का आज 35वां दिन है। किसान एक महीने से अधिक समय से दिल्ली से लगने वाली सीमा खनौरी औऱ शंभू बॉर्डर पर लावा लस्कर के साथ जमे हुए हैं। वहीं, आंदोलन में शहीद शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा का आज तीसरा दिन है। बता दें कि 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने से हो गयी थी। किसानों के बीच आंदोलन की धारदार प्रचार के लिए अस्थि क्लश यात्रा निकाली जा रही है। इसे पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों से गुजरना है। अस्थि यात्रा 19 मार्च को यमुनानगर, कुरुक्षेत्र होते हुए अंबाला पहुंचेगी।
इस दिन होगा शहीदी समागम
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर सरकारी) और राष्ट्रीय मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आंदोलन में शामिल किसान संगठनों ने 22 और 31 मार्च को शहीदी समागम करने की घोषणा की है। मिली खबर के मुताबिक आंदोलनकारी किसान शुभकरण के गांव से अस्थि का कलश लेकर मुख्य अस्थि कलश यात्रा में शामिल हो रहे हैं। कलश यात्रा का समापन आंदोलन प्रभावित अलग-अलग दो हिस्सों मे 22 मार्च हिसार और 31 मार्च को अंबाला में शहीदी समागम से होगा। इसमें लाखों किसानों के शामिल होने की सूचना है। आपको बता दें कि आंदोलन में पंजाब, हरियाण, उत्तर प्रदेश, केरल और दक्षिण के कुछ अन्य राज्यों के किसान भी शिरकत कर रहे है। वहीं आंदोलन में महिलाओं का प्रवेश पहले से हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
बता दें कि 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को गैरकानूनी बताने वाली याचिका को खारिज करते हुए इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को मालूम होना चाहिये कि इस मामले की सुनवाई पंजाब और हरियाणा के हाईकोर्ट में चल रही है इसलिए, याचिकाकर्ता को इसी कोर्ट से संपर्क करना चाहिये। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर यहां इस मामले की सुनवाई होती है तो इस दिशा में हाईकोर्ट की कार्रवाई में शिथिलता आ सकती है। याचिकाकर्ता से कोर्ट ने कहा, आप इस मामले में समानांतर कार्रवाई क्यों चाहते हैं?
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